ANGOOTHE CHOOMNE KA SABOOT

on Saturday, July 14, 2012


मोअल्लिफ - मौलाना मोहम्मद कमर आलम मिस्बाही उस्ताद दारुल उलूम अनवारे सुफिया , अकलूज , शोलापुर *अंगूठे चूमने का सबूत *
      
रसूले कायेनात सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के नामे मुबारक को

 सुनकर अंगूठे  चूमना दुनिया -व-आखिरत में खैर-व-बर्कत काबाइस है !इस बात के सबूत में बहुत सी अहादीस व तफ़सीर 

की किताबें  मौजूद हैं !
            
 अल्लामा इमाम शम्सुद्दीन सखावी रहमतुल्लाही अलैहिदैलमी

 हवाले से हजरत अबू बक्र सिद्दीक रजिअल्लाहू  अन्हु  का अमलनकल
 फरमाते हैं!
     
जब मोअज्जिन को अशहदुअन्ना मुहम्मदुरसुलूल्लाहकहते सुना तो यही कहा और अपनी शहादत की
उंगलियों के पेटको चूमा और आँखोंसे मसह किया तो हुजुर सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स मेरे एस प्यारे दोस्त की तरह करेगा मेरी शफाअत उसकेलिए हलाल हो गयी !      

               
 सय्यदना इमाम  हुसैन रजिअल्लाहू अन्हु ने फरमाया!

जो शख्स मोअज्जिन से अशहदूअन्ना मुहम्मदुरसुलूल्लाह सुनकरकहे

मरहबा बिहबीबी व कुरर्तु ऐनी मुहम्मद बिन अब्दुल्लाहसल्लललाहू 

अलैहि वसल्लम और दोनों अंगुठे  चूमकर आँखों पर रखे वहकभी अंधा न होगा और न उसकी आँखें कभी दुखेंगी !
  
 अल्लामा इब्ने आबिदीन शामी रहमतुल्लाही अलैहि फरमातेहैं !

मुस्तहब है की जब अजान में पहली बार अशहदुअन्नामुहम्मदुरसुलूल्लाह सुने तो सल्लललाहू  अलैका या रसूलल्लाहकहे , 

और जब दूसरी बार सुने तो कुरर्तु ऐनी बिका या रसूलल्लाहकहे और फिर कहे अल्लाहुम्मा मत्तेअनी बिस्समऐ  व्ल्बसर और येकहना 
  
 अंगूठे के नाख़ून आँखों पर रखने के बाद तो सरकार अकदस मेंजन्नत में ले जायेंगे ऐसा ही कन्जुलइबाद  में हैं !

(रुहुलब्यान जिल्द १९४ , उसी के मिस्ल फतवाए सुफिया में है !रद्दुलमुहतार जिल्द अव्वल 276 )

  *इस्में मुहम्मदी चूमने की बकर्त


इस्में मुहम्मदी चूमने की बकर्त : मरवी है कीबनी  इसराईल का एक  शख्स १०० साल गलतकारियों में मुब्तला रहा जब मर तो उसे घसीट क्रगंदगी के ढेर पर फेंक दिया !अल्लाह तआला ने मूसा अलैहिस्सलाम को पैगामभेजा की उसे नहला धुला कर उसकी नमाजेजनाजा पढिये ,मूसाअलैहिस्सलाम ने अर्जकिया ! या इलाहुल आलमीन !

बनी  इसराईल के तमाम लोग गवाही देते हैं कीउसने १०० साल नाफरमानियों मैं गुजरें हैं ,अल्लाह ताला ने फरमाया ! बात वाकई ऐसी ही है , लेकिन उसका एक काममुझे पसंद आ गया है की तौरैत खोलकर जुहींइस्में मुहम्मद को देखता था उसे चूमकर आँखों सेलगता था उसके बदले मैं मैंने उसे बख्श दियाऔर सत्तर हुंरे उससे बियाह दीं ! ( रूहुलब्यानमुतर्जिम ६१)

 *कलिमा की उंगली

कलिमा की उंगली : कलिमा की उंगली कोक्लिमकाकी उंगली क्यों कहा जाता है ?ये भी इस्मे मुहम्मद का फैज है की जब हजरतेआदम अलैहिस्सलाम को जन्नत में हजरतमुहम्मद सल्लललाहू अलैहि वसल्लम कीमुलाकात का इश्तियाक हुआ तो अल्लाहतआला  ने उनकी तरफ वही भेजी की वह तुम्हारेसल्ब से आखरी जमाने में जहुर फरमायेंगे तोहजरत आदम अलैहिस्सलाम के दायें हाथ केक्लीमे की उंगली में नुरे मुहम्मदी  सल्लललाहूअलैहि वसल्लम को चमकाया तो उसने अल्लाहकी तस्बीहपढ़ी इसी वजह से इस उंगली का नाम क्लीमे कीउंगली हुवा , जैसा की रौजुलफाइक में है !और अल्लाह तआला ने अपने हबीब के जमालेमुहम्मदी  सल्लललाहू अलैहि वसल्लम कोहजरत आदम  अलैहिस्सलाम के दोनों अंगूठों केनाखुनो में मिस्ले आईना जाहिर फरमाया तो हजरते आदम अलैहिस्सलाम ने अपने दोनोंअंगूठों के नाखुनो को चूमकर आँखों पर फेरा तो ये सुन्नत उनकी औलाद में जरी हुई ! फिर जीब्राइले अमिन ने नबी करीम सल्लललाहूअलैहि  वसल्लम को इसकी खबर दी तो आप नेफरमाया जो शख्स अजान में मेरा नाम सुने औरअपने अंगूठोके नाखुनो कोचूमकर आँखों से लगाये वह कभीअंधा न होगा !  (रुहुलब्यान ६४९)


*फायदे :

१) अंगूठे चूमने के बहुत सारे फायदे हैं जो अमल करेगा फायदा देखेगा! उसपर अमल करने वाले को हुजुर सल्लललाहू अलैहि वसल्लम कीशफाअत नसीब होगी !


२) अंगूठे चूमने वाले को हुजुर सल्लललाहू अलैहि वसल्लम अपने पीछे जन्नत में दाखिल फरमायेंगे !


३) ये अम्ल करने वाले की आँख दुखने से महफूज रहेगी और इन्शाअल्लाह कभी अंधा न होगा !


४)आंखों में कोई तकलीफ हो तो अंगूठे चूमना बेहतरीन इलाज है ! 




(bis)

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